Budget 2024 & Home Loan: सरकार के इन फैसलों से सस्ते होंगे होम लोन!

Budget 2024 & Home Loan (Hindi): बजेट 2024 मे सरकार नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) को कह सकती है कि वो बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) को उनके होम लोन के लिए सस्ता लोन दे। इस बार के बजट में हाउसिंग को खास जगह मिलने वाली है। नए एनडीए कैबिनेट ने अपनी पहली बैठक में 10 जून को शहरी और ग्रामीण गरीबों के लिए पीएमएवाई (PMAY) के तहत 30 मिलियन और घर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

सस्ते घर का महत्व

सरकार के लिए लोगों को सस्ता घर देना काफी महत्वपूर्ण है। सस्ते घर के लिए मिलने वाली सुविधाओं को मुफ्त योजनाओं के रूप में नहीं देखा जाता, बल्कि यह खर्च और खपत को बढ़ावा देने वाली होती हैं। यह सीमेंट, लकड़ी, फर्नीचर, सिरेमिक, सैनिटरीवेयर और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं जैसे बड़े क्षेत्रों को भी फायदा पहुंचाती हैं। हाउसिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें ज्यादा रोजगार मिलता है।

सरकार की मौजूदा योजनाएं

वर्तमान में, सरकार ने दो मुख्य तरीकों से हाउसिंग को समर्थन दिया है। होम लोन पर ब्याज और मूलधन के भुगतान पर टैक्स छूट मिलती है। धारा 80C के तहत, ₹1.5 लाख तक के मूलधन के भुगतान को कर योग्य आय से घटाया जा सकता है। लेकिन यह बहुत सहायक नहीं है क्योंकि अधिकतर लोग अपने बीमा प्रीमियम या EPF योगदान के माध्यम से पहले से ही ₹2 लाख की छूट का दावा कर चुके होते हैं। धारा 24 के तहत, यदि कोई व्यक्ति होम लोन पर ₹2 लाख तक का ब्याज भुगतान करता है, तो उसे कर योग्य आय से कटौती मिलती है।

प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY)

सरकार के लिए, पीएमएवाई (PMAY) एक महत्वपूर्ण योजना है क्योंकि यह जरूरतमंदों के लिए है। 2015 में घोषित इस योजना के तहत अब तक शहरी क्षेत्रों में 12 मिलियन घरों और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 मिलियन घरों का निर्माण हो चुका है। योजना की मुख्य विशेषताओं में होम लोन पर ₹2.67 लाख की ब्याज सब्सिडी शामिल है। इसके अलावा, अन्य होम लोन के लिए सब्सिडी निम्नानुसार उपलब्ध होगी:

  • ₹6 लाख के होम लोन पर 6.5% ब्याज सब्सिडी (वार्षिक आय ₹6 लाख से कम हो)
  • ₹9 लाख के लोन पर 4% ब्याज सब्सिडी (वार्षिक आय ₹12 लाख से कम हो)
  • ₹12 लाख के लोन पर 3% ब्याज सब्सिडी (वार्षिक आय ₹18 लाख से कम हो)

इन श्रेणियों में घर के आकार और योजना की अवधि की भी शर्तें होती हैं। PMAY 1.0 2022 में समाप्त हो गई, लेकिन नए कैबिनेट द्वारा 30 मिलियन नए घरों की घोषणा के साथ PMAY का नया संस्करण आ सकता है।

लोन देने वाले लेंडर्स की समस्याएं

2020 में एक RTI के जवाब के अनुसार, HDFC द्वारा वितरित ₹64,000 करोड़ के छोटे लोन (₹18 लाख से कम) में से केवल 27% ने PMAY सब्सिडी का दावा किया। SBI के छोटे होम लोन में से केवल 6% ने PMAY का दावा किया, जबकि ICICI Bank के लिए यह संख्या 13% थी।

एक शिकायत है कि PMAY सब्सिडी मिलने में 4-6 महीने का समय लगता है। लोग अक्सर बिना सब्सिडी का इंतजार किए घर खरीद लेते हैं, जिससे कई योग्य मामले अनक्लेम रह जाते हैं। बैंको का कहना है कि छोटे लोन पर मार्जिन बहुत कम होता है। एक ₹50 लाख के लोन और ₹5 लाख के लोन में समान प्रयास लगता है, लेकिन छोटे लोन के लिए जोखिम भी अधिक होता है। इसलिए, बैंक्स और HFCs इन लोन को ज्यादा नहीं लेना चाहते।

भविष्य की संभावनाएं

India Housing Mortgage Corporation के MD और CEO महेश मिश्रा ने CNBC-TV18 से कहा कि सरकार PMAY लोन को CGTMSE गारंटी वाले SME लोन की तरह गारंटी प्रदान करने पर काम कर रही है, जिससे बैंकों और HFCs की हिचक दूर हो सकती है। सरकार NHB से HFCs के होम लोन को कम दरों पर पुनर्वित्त करवाने का भी प्रस्ताव कर सकती है, जिससे PMAY उधारकर्ताओं को आकर्षित करना आसान हो जाए।

HDFC के पूर्व VC और MD केके मिस्त्री ने कहा कि छोटे लोन मार्जिन पर असर डालते हैं। मिस्त्री ने यह भी बताया कि सरकार को होम लोन पर ब्याज की टैक्स कटौती सीमा को बढ़ाना चाहिए। ₹2 लाख की सीमा पिछले दशक से लागू है। सरकार टैक्स कटौती सीमाओं को बढ़ाना कठिन पाती है, इसलिए संभव है कि वह PMAY को अधिक आकर्षक और लक्षित बनाने के लिए संशोधित करे।

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