Home Loan: होम लोन के बढ़ते बोझ के बीच रियल एस्टेट में निवेश कितना सुरक्षित है?

पिछले कुछ वर्षों में भारतीय घरों में बचत (Savings) का पैटर्न तेजी से बदल रहा है। अब लोग बैंक डिपॉजिट्स (Bank Deposits) के बजाय रियल एस्टेट (Real Estate) जैसे फिजिकल असेट्स (Physical Assets) में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं। इस ट्रेंड से यह संकेत मिलता है कि अब लोग घर का मालिकाना हक (Home Ownership) हासिल करने की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं।

भारतीय घरों पर बढ़ता कर्ज और होम लोन का इजाफा

केयरएज (Care Edge Ratings) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय घरों पर बढ़ते कर्ज का मुख्य कारण होम लोन में हो रहा इजाफा है। 2022-23 में भारतीय घरों पर कर्ज बढ़कर GDP के 38% के बराबर हो चुका था, हालांकि 2020-21 के 39.2% पीक के मुकाबले यह थोड़ा कम है।

भले ही कर्ज में मामूली कमी आई है, लेकिन यह आंकड़ा अब भी अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं जैसे ब्राजील से अधिक है, जहां हाउसहोल्ड लोन (Household Loan) GDP का केवल 34% है। भारतीयों के कुल रिटेल कर्ज में होम लोन की हिस्सेदारी अब 50% तक पहुंच चुकी है, जो यह दर्शाता है कि अधिकतर कर्ज घरों की खरीदारी के लिए लिया जा रहा है।

अनसिक्योर्ड लोन (Unsecured Loan) की बढ़ती चुनौती

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन जैसे अनसिक्योर्ड लोन में भी तेजी से इजाफा हो रहा है, जिससे भारतीय घरों पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। इन अनसिक्योर्ड लोन की बढ़ती प्रवृत्ति को लेकर चिंता जताई गई है और इनकी कड़ी निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि होम लोन के बढ़ने से घरों की कुल बचत पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है, और यह GDP के 24% के बराबर बनी हुई है।

रियल एस्टेट (Real Estate) में निवेश का आकर्षण

रियल एस्टेट में निवेश अब भारतीयों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बनता जा रहा है। इसमें निवेश को सुरक्षित इसलिए माना जाता है क्योंकि यह महंगाई दर (Inflation) से अधिक रिटर्न (Returns) देता है और कीमतों में गिरावट का जोखिम (Risk) भी कम होता है।

लोग अब घरों और दूसरी प्रॉपर्टीज में निवेश कर रहे हैं, जिसे खर्च नहीं बल्कि भविष्य की सुरक्षा के रूप में देखा जा रहा है। इसके विपरीत, क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन का इस्तेमाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जा रहा है, जो कर्ज का बोझ बढ़ा रहा है।

इंफ्रास्ट्रक्चर और अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि रियल एस्टेट में भारतीय घरों का निवेश इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) को बढ़ावा देता है, जो अंततः अर्थव्यवस्था (Economy) को भी मजबूती प्रदान करता है। इसलिए, होम लोन को लेकर रिपोर्ट में अधिक चिंता नहीं जताई गई है, जबकि अनसिक्योर्ड लोन की कड़ी निगरानी की सलाह दी गई है।

भारतीय घरों पर बढ़ते कर्ज की मुख्य वजह होम लोन में हो रहा इजाफा है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि भारतीय अब रियल एस्टेट को एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में देख रहे हैं। वहीं, अनसिक्योर्ड लोन के बढ़ते बोझ को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। रियल एस्टेट में निवेश न केवल भारतीयों को भविष्य की सुरक्षा प्रदान कर रहा है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बना रहा है।

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FAQs

क्या होम लोन से भारतीय घरों पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है?

हाँ, केयरएज (Care Edge Ratings) की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय घरों पर कर्ज का मुख्य कारण होम लोन में हो रहा इजाफा है, जिससे कर्ज GDP के 38% तक पहुंच चुका है।

रियल एस्टेट में निवेश क्यों सुरक्षित माना जाता है?

रियल एस्टेट में निवेश महंगाई दर से अधिक रिटर्न देता है और इसमें कीमतों में कमी आने का जोखिम कम होता है, इसलिए इसे सुरक्षित माना जाता है।

भारत में होम लोन की कुल रिटेल कर्ज में हिस्सेदारी कितनी है?

भारत में होम लोन की कुल रिटेल कर्ज में हिस्सेदारी 50% है, जो भारतीय घरों पर बढ़ते कर्ज का प्रमुख कारण है।

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