Home Loan: होम लोन लेते समय कम ईएमआई नहीं, बल्कि कम इंटरेस्ट रेट पर दें ध्यान!

Home Loan Interest Rate: होम लोन लेना एक बड़ा वित्तीय निर्णय है, और इसे लेते समय हमें कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है इंटरेस्ट रेट और ईएमआई। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कैसे सही इंटरेस्ट रेट का चुनाव करने से आप भारी ब्याज का बोझ उठाने से बच सकते हैं और अपने होम लोन को आसानी से चुका सकते हैं।

होम लोन इंटरेस्ट रेट क्यों है महत्वपूर्ण? | Why is home loan interest rate important?

जब आप होम लोन लेने की सोच रहे होते हैं, तो अक्सर लोग सिर्फ कम ईएमआई पर ध्यान केंद्रित करते हैं। हालांकि, सस्ती ईएमआई से ज्यादा जरूरी है कि आप बैंकों द्वारा दिए जाने वाले इंटरेस्ट रेट पर ध्यान दें। इंटरेस्ट रेट ही तय करता है कि आपको कुल कितना ब्याज चुकाना होगा और यह आपके लोन की कुल लागत को प्रभावित करता है।

समय-समय पर होम लोन अकाउंट चेक करते रहें: लोन ले लेने के बाद भी समय-समय पर अपना होम लोन अकाउंट चेक करते रहें, खासकर जब इंटरेस्ट रेट में बदलाव हो रहा हो। यह सुनिश्चित करें कि बैंक ने आपकी ईएमआई या टेन्योर को किस प्रकार से एडजस्ट किया है। ऐसा न करने से आपको बाद में भारी ब्याज का सामना करना पड़ सकता है।

EMI का ड्यूरेशन कैसे बढ़ता है? | How does the duration of EMI increase?

होम लोन पर ब्याज दर बढ़ने के बाद, ग्राहकों पर दो तरह से दबाव बढ़ता है। ज्यादातर बैंक मंथली ईएमआई में बदलाव नहीं करते, बल्कि लोन की अवधि को बढ़ा देते हैं। इससे आपकी मंथली ईएमआई का बोझ तो नहीं बढ़ता, लेकिन लोन की अवधि बढ़ जाने से कुल ब्याज की रकम बढ़ जाती है।

उदाहरण:
मान लीजिए, आपने 30 लाख रुपये का लोन 20 साल के लिए लिया है, और ब्याज दर 8% है। इस ब्याज दर पर आपकी मंथली ईएमआई लगभग ₹25,093 होगी। 20 साल में, आप कुल ₹60,22,360 का भुगतान करेंगे, जिसमें से ₹30,22,360 सिर्फ ब्याज होगा।

अब मान लें कि ब्याज दर बढ़कर 9% हो जाती है। इस नई दर पर आपकी मंथली ईएमआई बढ़कर ₹26,992 हो जाएगी। अगर आप इसे हर महीने अधिक चुकाना नहीं चाहते हैं, तो आप बैंक से लोन की अवधि को बढ़ाकर 22 साल करवा सकते हैं।

क्या होगा इस बदलाव से?

  • नई मंथली ईएमआई: ₹25,093 (पहले जैसी ही)
  • नया कुल भुगतान: ₹66,24,568
  • अतिरिक्त ब्याज: ₹6,02,208 (22 साल के लिए)

बढ़ती EMI से बचने के लिए साल कैसे बढ़ाते हैं? | How to extend the year to avoid increasing EMI?

दूसरी स्थिति यह होती है कि लोन की ब्याज दर बढ़ने से ईएमआई की रकम बढ़ जाती है। ऐसे में बहुत से ग्राहक ईएमआई का बोझ कम करने के लिए लोन का टेन्योर बढ़वा लेते हैं।

उदाहरण:
मान लीजिए आपने 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का लोन लिया है और आपकी ब्याज दर 8% है। इस दर पर आपकी ईएमआई ₹25,093 होगी। अब, मान लें कि आप ईएमआई का बोझ कम करने के लिए टेन्योर को 25 साल तक बढ़ा देते हैं।

क्या होगा इस बदलाव से?

  • नई मंथली ईएमआई: ₹23,141 (कम हो गई)
  • नया कुल भुगतान: ₹69,42,244
  • अतिरिक्त ब्याज: ₹9,19,884 (5 साल और बढ़ने से)

होम लोन पर ब्याज बढ़ने से बचने के उपाय | Ways to avoid increase in interest on home loan

ब्याज दरों में बदलाव हमेशा होते रहते हैं, और यह आपकी ईएमआई को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए, आपको कुछ ऐसे उपाय अपनाने चाहिए जिससे आप ब्याज दरों में बढ़ोतरी के प्रभाव से बच सकें:

  1. फिक्स्ड रेट लोन चुनें: जब ब्याज दरें बढ़ रही हों, तो एडजस्टेबल-रेट होम लोन की जगह फिक्स्ड-रेट होम लोन चुनना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इससे आपकी ब्याज दर लोन के पूरे टेन्योर में समान रहेगी।
  2. टेन्योर कम रखें: लोन का टेन्योर कम रखें। अगर आप 20 साल की जगह 15 साल के लिए लोन लेते हैं, तो ओवरऑल ब्याज बहुत कम हो सकता है।
  3. डाउन पेमेंट ज्यादा करें: अगर संभव हो, तो डाउन पेमेंट ज्यादा करें। इससे आपको बढ़ती ब्याज दरों का सामना करने में मदद मिल सकती है।
  4. लोन रीफाइनेंस करें: अगर लोन लेने के बाद ब्याज दरें बढ़ गई हैं, तो रीफाइनेंस एक अच्छा विकल्प हो सकता है। कम ब्याज दर पर रीफाइनेंस करने से आपकी मंथली ईएमआई कम हो सकती है।

होम लोन लेते समय सिर्फ लो ईएमआई के जाल में ना फंसें। इंटरेस्ट रेट और लोन की अवधि को ध्यान में रखते हुए निर्णय लें। इससे आपको लोन की अवधि बढ़ने और ज्यादा ब्याज चुकाने से बचाया जा सकता है। हमेशा अपने होम लोन अकाउंट पर नजर रखें और जरूरत पड़ने पर अपने लोन की शर्तों को पुनर्गठित करने के लिए बैंक से संपर्क करें। सही निर्णय लेकर आप अपने होम लोन को समय पर और कम खर्च में चुका सकते हैं।

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Home Loan Interest Rate (Hindi) FAQs

होम लोन लेते समय कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी होते हैं?

होम लोन के लिए आवेदन करते समय आपको पहचान पत्र, आय प्रमाण पत्र, बैंक स्टेटमेंट, पैन कार्ड, और प्रॉपर्टी के दस्तावेज़ जैसे रजिस्ट्री और एग्रीमेंट आदि की आवश्यकता होती है। यह दस्तावेज़ बैंक के नियमों के अनुसार बदल सकते हैं।

होम लोन की ब्याज दर कैसे निर्धारित होती है?

होम लोन की ब्याज दर कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि आपकी क्रेडिट स्कोर, लोन की राशि, लोन की अवधि, और बैंक की नीतियाँ। कुछ बैंकों में ब्याज दरें फिक्स्ड होती हैं, जबकि कुछ में फ्लोटिंग रेट होती हैं जो समय के साथ बदल सकती हैं।

क्या होम लोन की अवधि बढ़ाने से EMI पर असर पड़ता है?

जी हाँ, होम लोन की अवधि बढ़ाने से EMI की राशि कम हो सकती है, लेकिन इससे आपको कुल ब्याज अधिक चुकाना पड़ता है। इसलिए लोन की अवधि को समझदारी से चुनना चाहिए।

क्या मैं अपने होम लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर सकता हूँ?

हाँ, आप अपने होम लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं, जिसे रीफाइनेंसिंग कहा जाता है। अगर दूसरे बैंक में ब्याज दर कम हो, तो यह विकल्प आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

क्या होम लोन पर टैक्स में छूट मिलती है?

हाँ, होम लोन पर आप आयकर अधिनियम की धारा 80C और धारा 24(b) के तहत टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। धारा 80C के तहत आप प्रिंसिपल अमाउंट पर और धारा 24(b) के तहत ब्याज भुगतान पर छूट प्राप्त कर सकते हैं।

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