Budget 2024: होम लोन पर टैक्स छूट 5 लाख करने की मांग!

Budget 2024 for Home Loan: रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन नारेडकोने (National Real Estate Development Council) सरकार से बजट में होम लोनपर चुकाए जाने वाले ब्याज पर टैक्स छूट को दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की मांग की है। नारेडको का कहना है कि इससे घरों की मांग बढ़ेगी, खासकर वर्तमान में बढ़ती आवास और ब्याज दरों के चलते।

किफायती घरों की मांग

बिल्डरोंने भी सस्ते घरों की मांग और आपूर्ति को बढ़ाने के लिए कुछ टैक्स इंसेंटिव की मांग की है। वर्तमान में, आयकर अधिनियम (इनकम टैक्स एक्ट) की धारा 24 के तहत, स्व- कब्जे वाली संपत्ति (जिस घर में आयकरदाता खुद रहता है) पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर कर छूट दो लाख रुपये तक सीमित है। आयकर कानूनों के अनुसार, एक करदाता (टैक्सपेयर) अधिकतम दो घरों को संपत्ति के तौर पर रख सकता है।

5 लाख की टैक्स छूट का फायदा

अगर आपके पास होम लोन है, तो आप उस लोन पर चुकाए गए ब्याज का उपयोग अपनी कुल आय (Total Income) को कम करने के लिए कर सकते हैं, जिससे टैक्सेबल इनकम में कमी आती है। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि आपने पुरानी कर व्यवस्था (ओल्ड टैक्स सिस्टम) का विकल्प चुना हो। नई कर व्यवस्था (न्यू टैक्स सिस्टम) के तहत, आप गृह संपत्ति (हाउस प्रॉपर्टी) से किसी भी कटौती (डिडक्शन) का दावा नहीं कर सकते।

नारेडको के प्रेसिडेंट ने कया कहा

नारेडको के प्रेसिडेंट हरि बाबू ने कहा कि इन सिफारिशों को लागू करने से न केवल डेवलपर्स को राहत मिलेगी, बल्कि आवास क्षेत्र में मांग भी बढ़ेगी। हाउसिंग डॉट कॉम और प्रॉपटाइगर डॉट कॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि पिछले तीन सालों में टियर-1 और टियर-2 शहरों (बड़े और मध्यम शहरों) में किफायती घरों की मांग और आपूर्ति में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। सरकार को बजट में 15-75 लाख रुपये मूल्य वर्ग के घरों की मांग और आपूर्ति को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। ब्याज सब्सिडी कार्यक्रम शुरू करने से संभावित घर खरीदारों को प्रोत्साहन मिलेगा।

MSME सेक्टर के लिए विशेष मांगें

इंडिया मार्ट के सीओओ दिनेश गुलाटी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) की महत्वपूर्ण भूमिका है। आगामी बजट में इस क्षेत्र की जरूरतों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। एमएसएमई को आसानी से अधिक लोन और इसकी गारंटी के लिए स्पेशल बैंकिंग पॉलिसी लाने की आवश्यकता है।

बजट में कर ढांचे को बेहतर बनाने की उम्मीद की जा रही है। एमएसएमई को डिजिटल बनाने में मदद करनी चाहिए जिससे उनकी ऑनलाइन बिक्री बढ़ सके। वर्तमान में, केवल छह प्रतिशत एमएसएमई ऑनलाइन बिक्री करती हैं। गुलाटी ने कहा कि एमएसएमई की भागीदारी बढ़ाने के लिए इन्हें डिजिटल बनाने में मदद करनी चाहिए, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में उनका योगदान और बढ़ सके।

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