जब आप पर्सनल लोन लेते हैं, तो क्या केवल ब्याज दर पर ध्यान देते हैं? जानिए कैसे कुछ अनदेखे शुल्क आपकी लोन की लागत को बढ़ा सकते हैं।

Personal Loan

तो चलिए जानते हैं – क्या हैं वे सारे खर्चे जो अक्सर आपसे छुपाए जाते हैं:

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जब आप पर्सनल लोन लेते हैं, तो बैंक या एनबीएफसी प्रोसेसिंग फी वसूलते हैं। यह आमतौर पर लोन राशि का 1% से 3% तक होता है। इसका असर आपकी कुल लोन लागत पर पड़ता है।

प्रोसेसिंग फी – एक आम छिपा हुआ खर्च:

लोन जल्दी चुकाने पर ऋणदाता पूर्व-भुगतान या फोरक्लोज़र फी वसूल सकते हैं। यह शुल्क 2% से 5% तक हो सकता है और आपको यह ध्यान रखना होगा कि इससे आपकी लागत बढ़ सकती है।

पूर्व-भुगतान और फोरक्लोज़र फी

देर से भुगतान पर बैंक जुर्माना लगाते हैं, जो आपकी मासिक EMI का 2% से 4% तक हो सकता है। इससे न केवल आपकी लागत बढ़ती है, बल्कि आपके क्रेडिट स्कोर पर भी असर पड़ सकता है।

देर से EMI देने पर जुर्माना – अतिरिक्त बोझ!

भारत में पर्सनल लोन से जुड़े शुल्कों पर 18% GST लागू होता है। यह प्रोसेसिंग फी और अन्य शुल्कों पर भी लागू होता है, जिससे आपकी कुल लागत और बढ़ सकती है।

GST – एक और छिपा हुआ खर्च:

कुछ ऋणदाता लोन प्रबंधन, वार्षिक रखरखाव, या दस्तावेज़ शुल्क जैसे अतिरिक्त शुल्क भी लगाते हैं। यह छोटे-छोटे खर्च आपके लोन को महंगा बना सकते हैं।

अन्य अतिरिक्त शुल्क):