Mutual Fund SIP Vs Home Loan EMI: घर खरीदना हममें से कई लोगों का सपना होता है। यह सपना पूरा करने के लिए हमें कई बार अपने खर्चों में कटौती करनी पड़ती है या कुछ ख़रीददारी को टालना पड़ता है। क्योंकि घर खरीदना एक महंगा सौदा होता है, अधिकतर लोग पूरी रकम एक बार में नहीं चुका पाते। इसलिए, डाउन पेमेंट के बाद हम एक होम लोन लेते हैं और कई सालों तक उसकी ईएमआई (EMI) चुकाते हैं।
लेकिन अगर आप होम लोन लेने के बजाय उसी ईएमआई के बराबर राशि म्यूचुअल फंड में निवेश करें, तो क्या 11 साल बाद आप एक अच्छा कॉर्पस बना सकते हैं, जो घर खरीदने में आपकी मदद कर सके? आइए इसे कैलकुलेशन के माध्यम से समझते हैं।
₹50 लाख के लोन पर EMI क्या होगी?
हम यहां ₹50 लाख के होम लोन की कैलकुलेशन कर रहे हैं, जिसमें लोन की अवधि 25 साल और ब्याज दर 9% प्रति वर्ष मानी गई है। इस लोन पर आपकी अनुमानित मासिक EMI ₹41,960 होगी। 25 साल के दौरान इस लोन पर आपको कुल ब्याज ₹75,87,945 चुकाना होगा, जिससे आपका कुल पुनर्भुगतान राशि ₹1,25,87,945 हो जाएगी। इसका मतलब है कि 25 साल बाद आप अपने ₹50 लाख के लोन के लिए लगभग ₹1.26 करोड़ का भुगतान करेंगे।
होम लोनके लिए SIP में निवेश
मान लीजिए आप ₹41,960 की मासिक EMI के बराबर राशि को म्यूचुअल फंड SIP में 12% वार्षिक रिटर्न के साथ निवेश करते हैं। अगर आप इसे लगातार 11 साल तक निवेश करते हैं, तो 11 साल के अंत में आप लगभग ₹1,13,89,632 का एक अच्छा कॉर्पस बना सकते हैं। यह राशि आपके घर खरीदने के लिए महत्वपूर्ण मददगार साबित हो सकती है और होम लोन लेने की जरूरत को कम कर सकती है।
11 साल बाद ₹50 लाख का मूल्य क्या होगा?
अगर हम 6% की वार्षिक महंगाई दर को ध्यान में रखें, तो 11 साल बाद ₹50 लाख की कीमत लगभग ₹94,91,492 होगी। यानी 11 साल बाद घर खरीदने के लिए आपको ₹50 लाख की जगह करीब ₹95 लाख की जरूरत होगी।
क्या SIP से होम लोन की जरूरत खत्म हो सकती है?
अगर आप 11 साल तक ₹41,960 की SIP करते हैं, तो आपका कुल निवेश और रिटर्न मिलाकर आप ₹1.14 करोड़ का कॉर्पस बना सकते हैं, जो महंगाई को ध्यान में रखते हुए घर खरीदने के लिए पर्याप्त हो सकता है। लेकिन, यह आपके निवेश पर मिलने वाले रिटर्न और महंगाई दर पर निर्भर करेगा।
म्यूचुअल फंड SIP के फायदे:
म्यूचुअल फंड SIP में निवेश की एक बड़ी विशेषता यह है कि कम अवधि में ही आप अच्छा कॉर्पस बना सकते हैं, जैसे कि 11 साल में पर्याप्त धनराशि इकट्ठी हो सकती है। इसके साथ ही, म्यूचुअल फंड में औसतन 12% वार्षिक रिटर्न मिलने की संभावना रहती है, जो होम लोन की ब्याज दर से अधिक हो सकती है। इसके अलावा, SIP में निवेश करने का एक और लाभ यह है कि इसमें लचीलापन होता है, जहां आप अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार निवेश राशि को घटा या बढ़ा सकते हैं। यह इसे एक सुविधाजनक और लाभदायक विकल्प बनाता है।
- कम अवधि: SIP से 11 साल में ही अच्छा कॉर्पस बनाया जा सकता है।
- उच्च रिटर्न की संभावना: म्यूचुअल फंड में औसतन 12% वार्षिक रिटर्न मिलने की संभावना होती है, जो होम लोन ब्याज दर से अधिक है।
- लचीलापन: आप निवेश राशि को अपनी क्षमता अनुसार घटा-बढ़ा सकते हैं।
म्यूचुअल फंड SIP के नुकसान
म्यूचुअल फंड SIP में निवेश करने का एक महत्वपूर्ण जोखिम यह है कि यह पूरी तरह से बाजार जोखिमों के अधीन होता है, जिसमें रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती। बाजार की अस्थिरता के कारण निवेश के रिटर्न में उतार-चढ़ाव हो सकता है। इसके अलावा, महंगाई का असर भी आपके निवेश पर पड़ सकता है। यदि महंगाई दर अधिक रही, तो आपका SIP से बनने वाला कॉर्पस आपकी जरूरतों के हिसाब से कम पड़ सकता है, जिससे आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- जोखिम: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन होता है, जिसमें रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती।
- महंगाई का असर: यदि महंगाई दर अधिक रही, तो आपका SIP कॉर्पस कम पड़ सकता है।
होम लोन के फायदे
होम लोन लेने का एक बड़ा फायदा यह है कि इससे आपको घर का स्वामित्व तुरंत मिल जाता है। आप बिना इंतजार किए घर में रहने का सपना पूरा कर सकते हैं और संपत्ति पर तुरंत अधिकार प्राप्त कर लेते हैं। इसके अलावा, आपको घर खरीदने के लिए 11 साल तक इंतजार नहीं करना पड़ता, जैसा कि SIP में होता है। आप समय पर खरीदारी कर सकते हैं और संपत्ति की बढ़ती कीमतों से भी बच सकते हैं, जिससे भविष्य में महंगाई का असर कम हो सकता है।
- संपत्ति का स्वामित्व: घर का स्वामित्व तुरंत मिल जाता है।
- समय पर खरीदारी: आपको घर खरीदने के लिए 11 साल इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
होम लोन के नुकसान
होम लोन का एक प्रमुख नकारात्मक पहलू यह है कि लंबी अवधि में आप लोन के ब्याज के रूप में काफी ज्यादा राशि चुकाते हैं, जो अक्सर मूल राशि से भी अधिक हो जाती है। इससे आपके कुल पुनर्भुगतान की राशि काफी बढ़ जाती है। इसके अलावा, हर महीने EMI चुकाने का दबाव भी होता है, जो आपकी वित्तीय स्थिति पर भारी असर डाल सकता है। यह दबाव आपको अन्य जरूरी खर्चों में कटौती करने के लिए मजबूर कर सकता है और आपकी बचत की क्षमता को सीमित कर सकता है।
- लंबी अवधि में अधिक ब्याज: आप लोन के ब्याज के रूप में काफी ज्यादा भुगतान करते हैं।
- EMI का दबाव: हर महीने EMI चुकाने का दबाव होता है, जो आपकी वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
निष्कर्ष
अगर आप घर खरीदने के लिए पहले से प्लानिंग करते हैं और SIP में निवेश करते हैं, तो 11 साल में आप एक अच्छा कॉर्पस बना सकते हैं। हालांकि, म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन होता है, इसलिए SIP से मिलने वाला रिटर्न तय नहीं होता। वहीं, होम लोन एक सुनिश्चित रास्ता है, लेकिन यह महंगा भी साबित हो सकता है। दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं, इसलिए आपको अपनी वित्तीय स्थिति और प्राथमिकताओं के अनुसार निर्णय लेना चाहिए।
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FAQs
होम लोन और SIP में निवेश में क्या अंतर है?
होम लोन में आप तुरंत घर खरीद सकते हैं और संपत्ति के मालिक बन जाते हैं, लेकिन आपको लोन की बड़ी राशि ब्याज समेत चुकानी होती है। दूसरी ओर, SIP में आप निवेश करते हैं और समय के साथ एक कॉर्पस बनाते हैं, जो आपको भविष्य में घर खरीदने में मदद कर सकता है। हालांकि, SIP में बाजार के जोखिम होते हैं और रिटर्न की गारंटी नहीं होती।
₹50 लाख के होम लोन पर EMI कितनी होती है?
₹50 लाख के होम लोन पर, 9% वार्षिक ब्याज दर और 25 साल की अवधि के साथ, आपकी अनुमानित मासिक EMI ₹41,960 होगी। इस लोन पर कुल पुनर्भुगतान राशि लगभग ₹1.26 करोड़ होगी।
क्या म्यूचुअल फंड SIP से घर खरीदना संभव है?
अगर आप होम लोन की EMI के बराबर राशि SIP में निवेश करते हैं और 12% वार्षिक रिटर्न प्राप्त करते हैं, तो 11 साल में आप लगभग ₹1.14 करोड़ का कॉर्पस बना सकते हैं, जो महंगाई को ध्यान में रखते हुए घर खरीदने में मदद कर सकता है।
SIP में निवेश करने के क्या फायदे हैं?
SIP में निवेश करने से आपको उच्च रिटर्न की संभावना मिलती है, लचीलापन होता है, और कम अवधि में एक अच्छा कॉर्पस तैयार हो सकता है। औसतन, SIP में 12% वार्षिक रिटर्न की संभावना रहती है, जो होम लोन की ब्याज दर से अधिक हो सकती है।
म्यूचुअल फंड SIP में क्या जोखिम होते हैं?
SIP पूरी तरह से बाजार के जोखिमों पर निर्भर होता है, जिसमें रिटर्न की गारंटी नहीं होती। इसके अलावा, महंगाई दर अधिक होने पर SIP का कॉर्पस आपकी जरूरतों के अनुसार कम हो सकता है, जिससे आपके वित्तीय लक्ष्य प्रभावित हो सकते हैं।