Home Loan: आज के समय में होम लोन ने अपने सपनों का घर खरीदना बेहद आसान बना दिया है। अब आपको सालों तक पैसे बचाने की आवश्यकता नहीं है। आप जितनी जल्दी चाहें, अपना घर खरीद सकते हैं और फिर लोन की राशि को मासिक किस्तों (EMI) के रूप में चुका सकते हैं।
होम लोन लेने से पहले कुछ महत्वपूर्ण टर्म्स को जानना ज़रूरी है। यहां हम 10 ऐसे होम लोन टर्म्स दे रहे हैं, जिनसे आपको परिचित होना चाहिए:
1. EMI (इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट्स)
होम लोन की दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला शब्द EMI है। EMI वह मासिक राशि होती है जो आप बैंक को लोन चुकाने के लिए देते हैं। यह पहले से तय होती है और इसमें लोन की राशि, ब्याज दर और अवधि के आधार पर गणना की जाती है।
2. डाउन पेमेंट या मार्जिन
जब आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो बैंक अक्सर उसकी कीमत का 70-80% लोन के रूप में देता है। बाकी राशि आपको खुद से देनी होती है। इसे डाउन पेमेंट या मार्जिन कहा जाता है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख रुपये है और बैंक आपको 40 लाख रुपये का लोन देता है, तो शेष 10 लाख रुपये आपको खुद से देने होंगे।
3. रिसेल
रिसेल प्रॉपर्टी वह होती है जिसे पहले किसी ने खरीदा होता है और अब वह दूसरी पार्टी को बेची जा रही होती है। यह सीधे बिल्डर से खरीदी जाने वाली नई प्रॉपर्टी नहीं होती।
4. क्रेडिट अप्रेज़ल
लोन देने से पहले बैंक यह सुनिश्चित करता है कि आप लोन चुकाने में सक्षम हैं। इसके लिए आपकी आय, उम्र, बचत, संपत्ति, और देनदारियों की जांच की जाती है। इस पूरी प्रक्रिया को क्रेडिट अप्रेज़ल कहा जाता है।
5. प्री-अप्रूव्ड प्रॉपर्टी
कुछ बिल्डर अपनी प्रॉपर्टी को बैंक से पहले ही सत्यापित करवा लेते हैं ताकि उसे बिक्री के लिए प्रमोट किया जा सके। इसे प्री-अप्रूव्ड प्रॉपर्टी कहा जाता है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि वह पूरी तरह सुरक्षित है, इसलिए खरीदने से पहले खुद भी जांच अवश्य करें।
6. सिक्योरिटी/कोलेटरल
कई बार बैंक लोन की सुरक्षा के लिए कुछ संपत्ति को गारंटी के रूप में मांगता है। इस संपत्ति को कोलेटरल या सिक्योरिटी कहा जाता है, और यह लोन चुकाने में असमर्थता के मामले में बैंक द्वारा राशि वसूली के लिए इस्तेमाल की जाती है।
7. पोस्ट डेटेड चेक (PDCs)
ये ऐसे चेक होते हैं जिन पर भविष्य की तारीख अंकित होती है और इन्हें बैंक में जमा किया जाता है। बैंक इन चेक्स का उपयोग मासिक किस्तों (EMIs) को इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम (ECS) के माध्यम से लेने के लिए करता है।
8. सैंक्शन लेटर
सैंक्शन लेटर वह दस्तावेज़ होता है जो यह पुष्टि करता है कि आपका लोन स्वीकृत हो गया है। इसमें लोन की राशि, ब्याज दर, अवधि और EMI जैसी सभी जानकारी दी जाती है। हालांकि, सैंक्शन लेटर मिलने के बावजूद भी बैंक लोन रद्द कर सकता है यदि प्रॉपर्टी या अन्य किसी मुद्दे में समस्या हो।
9. डिस्बर्समेंट मोड
बैंक द्वारा लोन राशि जारी करने की प्रक्रिया को डिस्बर्समेंट कहा जाता है। यह तीन प्रकार से हो सकती है:
- अडवांस डिस्बर्समेंट: जब लोन की पूरी राशि निर्माण से पहले ही जारी कर दी जाती है।
- पार्शियल डिस्बर्समेंट: जब निर्माण पूरा होने से पहले आंशिक राशि दी जाती है और शेष राशि बाद में दी जाती है।
- फुल डिस्बर्समेंट: जब निर्माण पूरा होने के बाद लोन की पूरी राशि एक बार में जारी की जाती है।
10. प्री-EMI
यह वह ब्याज राशि है जिसे आप लोन की पूरी राशि जारी होने से पहले चुकाते हैं। इसे लोन की पूरी राशि डिस्बर्स होने से पहले चुकाना पड़ता है।
मुद्दे की बात यह की…
अब जब आप इन महत्वपूर्ण होम लोन टर्म्स से परिचित हो गए हैं, तो आप होम लोन प्रक्रिया को अच्छे से समझ सकते हैं और अपने सपनों का घर खरीदने के लिए सही होम लोन का चुनाव कर सकते हैं। अपने बजट और ज़रूरतों के अनुसार सबसे उपयुक्त लोन चुनें और अपने सपनों को साकार करें।
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Frequently Asked Questions
होम लोन क्या होता है?
होम लोन वह लोन होता है जिसे आप घर खरीदने, बनाने या सुधारने के लिए बैंक से प्राप्त करते हैं। इसे आप आसान मासिक किस्तों (EMI) में चुकाते हैं।
होम लोन के लिए कौन पात्र होता है?
होम लोन के लिए पात्रता आमतौर पर आपकी आय, क्रेडिट स्कोर, उम्र, रोजगार स्थिति, और प्रॉपर्टी की स्थिति पर निर्भर करती है। हर बैंक की पात्रता शर्तें अलग हो सकती हैं।
होम लोन की EMI कैसे तय होती है?
EMI तीन मुख्य कारकों पर आधारित होती है: लोन की राशि, ब्याज दर, और लोन की अवधि। इन कारकों को ध्यान में रखते हुए EMI तय की जाती है।
डाउन पेमेंट क्या होता है और कितना करना पड़ता है?
डाउन पेमेंट वह राशि होती है जो आपको प्रॉपर्टी की कुल कीमत का 20-30% खुद से चुकानी होती है। बाकी राशि बैंक द्वारा होम लोन के रूप में दी जाती है।
क्या होम लोन पर टैक्स छूट मिलती है?
जी हां, होम लोन की ब्याज और मूलधन राशि पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है। सेक्शन 80C के तहत मूलधन पर छूट और सेक्शन 24B के तहत ब्याज पर छूट का प्रावधान है।
प्री-EMI और EMI में क्या अंतर है?
प्री-EMI वह राशि होती है जिसे आप लोन की पूरी राशि डिस्बर्स होने से पहले चुकाते हैं, जबकि EMI लोन की पूरी राशि मिलने के बाद मासिक किस्त होती है।
होम लोन की ब्याज दरें कितनी होती हैं?
ब्याज दरें हर बैंक और फाइनेंस इंस्टीट्यूशन के अनुसार अलग-अलग होती हैं और फ्लोटिंग या फिक्स्ड दरों पर आधारित हो सकती हैं। यह आपकी पात्रता और बाज़ार की स्थितियों पर निर्भर करती है।
क्या होम लोन को जल्दी चुकाया जा सकता है?
जी हां, आप प्रीपेमेंट या फोरक्लोज़र के ज़रिए होम लोन को जल्दी चुका सकते हैं। हालांकि, कुछ बैंकों द्वारा प्रीपेमेंट पर शुल्क भी लिया जा सकता है।
होम लोन की सैंक्शन लेटर और डिस्बर्समेंट में क्या फर्क है?
सैंक्शन लेटर वह दस्तावेज है जो लोन की स्वीकृति की पुष्टि करता है, जबकि डिस्बर्समेंट उस समय होता है जब बैंक लोन की राशि आपको प्रदान करता है।
क्रेडिट स्कोर होम लोन में कितना महत्वपूर्ण है?
अच्छा क्रेडिट स्कोर (750+), बैंक को दिखाता है कि आप विश्वसनीय हैं और लोन चुकाने की क्षमता रखते हैं। इससे आपको बेहतर ब्याज दर पर होम लोन मिल सकता है।