Pradhan Mantri Awas Yojana: क्या आप जानते हैं, किस वजह से प्रधानमंत्री आवास योजना से आपका नाम हट सकता है?

प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) का उद्देश्य बेघर लोगों को पक्का मकान उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को घर बनाने के लिए सब्सिडी और लोन की सुविधा मिलती है। इस लेख में हम जानेंगे कि किन लाभार्थियों के नाम योजना की लिस्ट से हटाए जा सकते हैं और क्यों।

प्रधानमंत्री आवास योजना: ग्रामीण और शहरी

प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) को दो हिस्सों में बांटा गया है: शहरी और ग्रामीण। PM आवास योजना शहरी के तहत शहरी क्षेत्रों में मकान बनाने के लिए लाभार्थियों को 2.67 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है, ताकि उन्हें मकान बनाने में वित्तीय सहायता मिल सके। वहीं, PM आवास योजना ग्रामीण के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के जरूरतमंद लोगों को पक्का मकान बनाने के लिए 1.20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे अपने घर का निर्माण कर सकें।

मकान निर्माण न करने वाले लाभार्थियों पर कार्रवाई

बिहार के बांका शहर में पीएम आवास योजना ग्रामीण (PM Awas Yojana Gramin) के तहत कुछ लाभार्थियों ने किस्त की राशि तो प्राप्त कर ली, लेकिन अभी तक मकान का निर्माण नहीं किया है। प्रशासन ने ऐसे 50 लाभार्थियों को 10 दिन का समय दिया है कि वे मकान का कार्य पूरा करें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

प्रधानमंत्री आवास योजना से किन लाभार्थियों के नाम हटाए जाएंगे?

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत जिन लाभार्थियों ने अपना मकान पहले से बना लिया है या जिन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ मिल चुका है, उनके नाम योजना की लिस्ट से हटाए जाएंगे। यह कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए है कि योजना का लाभ केवल जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे।

गड़बड़ियों को रोकने के लिए उठाए गए कदम

योजना में गड़बड़ी रोकने के लिए प्रशासन ने लाभार्थियों के घर जाकर सत्यापन शुरू किया है। अधूरे निर्माण की जांच की जा रही है, और जरूरतमंदों को मकान निर्माण के लिए समय सीमा दी जा रही है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को पक्का मकान बनाने के लिए 1.20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता तीन किस्तों में दी जाती है। पहली किस्त 40,000 रुपए की होती है, जो मकान निर्माण की स्वीकृति मिलने पर दी जाती है। दूसरी किस्त 60,000 रुपए की होती है, जो मकान की छत डालने के लिए दी जाती है। अंत में, तीसरी किस्त 20,000 रुपए की होती है, जो मकान का कार्य पूरा होने पर लाभार्थी को प्रदान की जाती है।

  1. पहली किस्त: 40,000 रुपए मकान निर्माण की स्वीकृति पर।
  2. दूसरी किस्त: 60,000 रुपए मकान की छत डालने के लिए।
  3. तीसरी किस्त: 20,000 रुपए मकान पूरा करने पर।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नए मकानों का निर्माण

बिहार के कई जिलों में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 4,844 नए मकानों का निर्माण होना है। इसमें से 3,390 लाभार्थियों को पहली किस्त भेजी जा चुकी है। प्रशासन की नजर उन लाभार्थियों पर है जिन्होंने किस्त की राशि लेने के बाद भी मकान निर्माण नहीं किया।

प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) गरीबों को पक्का घर देने की एक महत्वपूर्ण पहल है। लेकिन जो लोग इस योजना का लाभ उठाकर भी मकान का निर्माण नहीं कर रहे हैं, उन पर प्रशासन सख्त कार्रवाई कर रहा है। योजना की लिस्ट से उन लाभार्थियों के नाम हटाए जा रहे हैं जिन्होंने मकान का काम पूरा कर लिया है या जिन्हें अन्य योजनाओं का लाभ मिल चुका है।

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FAQs

प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्रता क्या है?

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्रता के लिए आवेदक का आय प्रमाण, आधार कार्ड, और उसके पास अपना पक्का मकान न होना अनिवार्य है। ग्रामीण और शहरी योजना के लिए अलग-अलग मानदंड होते हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना में सब्सिडी की राशि कितनी है?

शहरी योजना में लाभार्थियों को 2.67 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिलती है, जबकि ग्रामीण योजना में 1.20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है।

प्रधानमंत्री आवास योजना की लिस्ट से नाम क्यों हटाए जाते हैं?

जिन लाभार्थियों ने पहले से मकान बना लिया है या जिन्हें अन्य योजनाओं का लाभ मिल चुका है, उनके नाम प्रधानमंत्री आवास योजना की लिस्ट से हटा दिए जाते हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना की किस्तें कैसे मिलती हैं?

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लाभार्थियों को 3 किस्तों में आर्थिक सहायता दी जाती है: 40,000 रुपए मकान निर्माण की स्वीकृति पर, 60,000 रुपए छत डालने के लिए, और 20,000 रुपए मकान पूरा होने पर।

अगर मकान का निर्माण नहीं किया गया तो क्या कार्रवाई होगी?

अगर लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किस्त की राशि प्राप्त करने के बाद भी मकान का निर्माण नहीं किया, तो उनके खिलाफ प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाएगी, और उनके नाम योजना की लिस्ट से हटाए जा सकते हैं।

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