Home Loan से लेकर Gold Loan तक, जानिए लोन लेने की बढ़ती दीवानगी!

Home Loan: भारत में लोन लेने का चलन लगातार बढ़ता जा रहा है। घर खरीदने से लेकर व्यक्तिगत जरूरतों तक, भारतीय लोग विभिन्न प्रकार के लोन का सहारा ले रहे हैं। खासकर होम लोन की मांग सबसे अधिक रहती है। इसके अलावा, क्रेडिट कार्ड लोन और पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हो रही है।

मकान के लिए सबसे ज्यादा लोन: होम लोन की बढ़ती लोकप्रियता

CRIF के आंकड़ों के अनुसार, भारत में सबसे ज्यादा लोन मकान के लिए लिया जाता है। होम लोन की आउटस्टैंडिंग वैल्यू का लगभग 40% हिस्सा है, जो इसे लार्ज वैल्यू लोन के मामले में सबसे आगे रखता है। हालांकि, एक्टिव लोन वॉल्यूम में केवल 4% होम लोन होते हैं, जबकि पर्सनल लोन का वॉल्यूम काफी अधिक है।

छोटी जरूरतों के लिए बड़ा लोन: पर्सनल लोन और कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन की बढ़ती मांग

आजकल भारतीय छोटी-छोटी चीजों के लिए भी बड़े लोन ले रहे हैं, जैसे मोबाइल, लैपटॉप, टीवी, और अन्य होम एप्लायंसेज। खासकर, पर्सनल लोन और कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन की लोकप्रियता बढ़ रही है। कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन में ग्राहक किसी विशेष सेलर से भी बिना क्रेडिट कार्ड के ये वस्तुएं खरीद सकते हैं। इस वजह से कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन लेने वालों की संख्या में काफी तेजी देखी गई है।

क्रेडिट कार्ड लोन का बढ़ता चलन

क्रेडिट कार्ड लोन लेने वाले ग्राहकों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। लोग अक्सर छोटे-मोटे खर्चों के लिए क्रेडिट कार्ड से लोन लेते हैं, लेकिन समय पर भुगतान नहीं किया गया तो इन पर भारी ब्याज देना पड़ता है, जिससे यह छोटा लोन बड़ा बन सकता है। इसलिए क्रेडिट कार्ड लोन लेने से पहले इसकी ब्याज दर और शर्तों को ध्यान से समझना बेहद जरूरी है।

पर्सनल लोन: सबसे ज्यादा एक्टिव लोन

आंकड़ों के अनुसार, एक्टिव लोन वॉल्यूम में पर्सनल लोन सबसे आगे है। कुल एक्टिव लोन वॉल्यूम का 22.7% हिस्सा पर्सनल लोन का है। हालांकि, पर्सनल लोन की आउटस्टैंडिंग वैल्यू कुल 14.9% है, लेकिन एक्टिव लोन वॉल्यूम की संख्या सबसे ज्यादा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि छोटी वित्तीय जरूरतों के लिए पर्सनल लोन लोगों की पहली पसंद बन रहा है।

गोल्ड लोन: तेजी से बढ़ती लोकप्रियता

गोल्ड लोन भी लोन लेने के विकल्पों में तेजी से उभर रहा है। इसकी वैल्यू कुल लोन का 10.6% है और इसका एक्टिव लोन वॉल्यूम 14.2% है। गोल्ड लोन की सबसे खास बात यह है कि इसे पाने के लिए सिबिल स्कोर या किसी अन्य क्रेडिट चेक की जरूरत नहीं होती। इसके अलावा, गोल्ड लोन बेहद आसानी से मिल जाता है, जिससे इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।

भारत में लोन लेने की प्रवृत्ति बदल रही है। लोग केवल मकान खरीदने के लिए ही नहीं, बल्कि छोटी-बड़ी सभी जरूरतों के लिए भी होम लोन, पर्सनल लोन, और गोल्ड लोन जैसे विकल्पों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, लोन लेने से पहले उसकी शर्तों, ब्याज दर, और पुनर्भुगतान के नियमों को समझना बेहद जरूरी है ताकि भविष्य में किसी वित्तीय संकट से बचा जा सके।

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Frequently Asked Questions

भारत में होम लोन लेने के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है?

होम लोन के लिए आमतौर पर पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड), आय प्रमाण (सैलरी स्लिप या इनकम टैक्स रिटर्न), बैंक स्टेटमेंट, प्रॉपर्टी के दस्तावेज, और पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत होती है।

पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन में क्या अंतर है?

पर्सनल लोन एक तय राशि के रूप में मिलता है, जिसे आपको मासिक किस्तों में चुकाना होता है। जबकि क्रेडिट कार्ड लोन में, आप अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट के तहत उधार ले सकते हैं और इसका भुगतान भी मासिक किस्तों में किया जा सकता है, लेकिन ब्याज दर अधिक होती है।

गोल्ड लोन के लिए किन शर्तों का पालन करना जरूरी है?

गोल्ड लोन के लिए मुख्य शर्त यह है कि आपको अपने सोने के आभूषण या सिक्कों को बैंक या एनबीएफसी के पास गिरवी रखना होगा। इसके लिए सिबिल स्कोर की जरूरत नहीं होती, और लोन की राशि सोने की मौजूदा बाजार कीमत पर निर्भर करती है।

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